Rosesh, a character from the TV show Sarabhai v/s Sarabhai, impresses me to no bounds. With his quirky sense of poetry that is full of onomatopoeic lines, his compositions are enough to bring the house down.
He, for me, has carved a genre for himself - poems with sounds, typical alliterations and full of out-of-the-box metaphors. I present a poem that I have written..
He, for me, has carved a genre for himself - poems with sounds, typical alliterations and full of out-of-the-box metaphors. I present a poem that I have written..
..with the blessings of Rosesh,the creator of the genre this poem belongs to!
मेरी मोम्मा सब से प्यारी ,
वह है आज की स्ट्रोंग नारी..
मेरी मोम्मा का स्टाइल अनोखा,
शी इज बेटर डान जिया, रिया,रेखा..
मेरी मोम्मा को प्यारे है फूल ,
उसके खाने पे सब करते है ड्रूल..
मेरी मोम्मा है एकदम ब्रेव,
उससे मिलने को सब करते है क्रेव॥
मेरी मोम्मा सब से प्यारी ,
वह है आज की स्ट्रोंग नारी..
मेरी मोम्मा का स्टाइल अनोखा,
शी इज बेटर डान जिया, रिया,रेखा..
मेरी मोम्मा को प्यारे है फूल ,
उसके खाने पे सब करते है ड्रूल..
मेरी मोम्मा है एकदम ब्रेव,
उससे मिलने को सब करते है क्रेव॥
टीक टीक टिक ..टोम्मा टोम्मा टोम्मा ,
सब से प्यारी है, मेरी मेरी मोम्मा..!
Well, who is the poet who writes for Rosesh?
ReplyDeleteIs it you! :D
why your name is not appearing in the credits of serial ????
मै सब से प्यारा, न्यारा, खरा
ReplyDeleteकुछ भी नही मुझमे बुरा |
मेरा बोलने का स्टाईल सबसे हटके
मेरा हेअरस्टाईल भी मारे झटके |
मै मोम्मा से करता हू बहुत प्यार
कौन ऎसा मिलेगा दुसरा यार |
मै हिंग्लिश मे नयी कविता बनाता
अपनी दोनों राष्ट्रभाषा को आगे बढाता |
न ऎसा कोई दुसरा फूल (fool )खिलेगा
ढुंडते रहे जाओगे पर नही मिलेगा |
awesomalicious!!
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